नकारात्मक मतदान और कम वोटिंग ने उड़ाई नेताओं की नींद
Tuesday, 5 May 2009
15वें लोकसभा में नकारात्मक मतदान और कम वोटिंग के कारण नेताओं की हालत पतली है। उनके सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण का मतदान हो चुका है। पर वोटिंग का प्रतिशत दोनों चरणों को मिला करके बमुश्किल 50 फीसदी तक के आस-पास ही पहुँच सका है।
इस लोकसभा चुनाव में लगता है मतदाताओं का गुस्सा एकदम से फूट पड़ा है। लगभग सभी मतदाता मतदान से परहेज कर रहे हैं। लुभावने वादे और प्रलोभन मतदाताओं पर प्रभाव डालने में असफल रहे हैं। हालाँकि राजनीतिक दलों को बदलते परिवेश ने चिंता में जरुर डाल दिया है। फिर भी सुधरने के पक्ष में वे नहीं हैं। आज उनको दो चिंता खाए जा रही है। पहली चिंता तो उनकी नकारात्मक वोटिंग की है और दूसरी कम मतदान की। आगे मीडिया ख़बर.कॉम ।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=30&tid=973
1 comments:
पर अफसोस कि अब भी तो इन्हें जनता की बातें समझ मं नहीं आतीं।
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SBAI TSALIIM
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