ये पप्पू फेल हो गया
Sunday, 3 May 2009
घर के एसी में जो सुकून है वो बाहर पोलिंग बूथ की लाइन में कहां। कौन जाये इस चिलचिलाती धूप में वोट डालने। और फिर मिलेगा भी क्या। कोई नेता हमारा पप्पू बना के चला जायेगा। फिर तो हम यूं ही पप्पू भले। कौन पड़े वोटिंग के इस झंझट में। कुछ ऐसे ही बहाने बनाकर देश का मिडिल क्लास घर बैठ कर न्यू इंडिया के ताने बाने बुनता रहा। मगर वोट करने घर से बाहर नहीं निकला। अब ये घर से बाहर मोमबत्ती लेकर निकलता है। कैमरे के सामने छाती पीटता है, देश के नेताओं को कैमरे पर अंग्रेजी में कोसता है, सुरक्षा की दुहाई देते हुये सरकार को उलाहना देता है, राजनेताओं की गिरती साख पर अफसोस जताता है। उसक देश प्रेम रात में विदेशी स्कॉच की चंद घूंटों के साथ टॉयलेट के रास्ते बाहर निकल जाता है। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=968
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