न्यूज़ चैनलों के पीछे का बड़ा अंधेरा
Sunday, 13 February 2011
न्यूज़ चैनलों के पीछे का बड़ा अंधेरा: "पाखंड का चरम रूप अगर आप देखना चाहते हैं तो लोकतंत्र का चौथा पाया कही जाने वाली भारतीय मीडिया के भीतर झांकना पर्याप्त होगा।
अपने को दुनिया भर के शोषण और अत्याचार का भंडाभोड़ करने का दावा करने वाली, महिलाओं की इज्जत के सबसे बड़े पहरूये बताने वाली और न्याय, आधुनिकता और आजादी का झंडाबरदार कहने वाली मीडिया अपने भीतर की गंदगी को कितनी सफाई से ढकती है यह देख
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