पर्दे के इस पार/उस पार
Saturday, 2 May 2009
महिलाओँ के विकास को लेकर हम काफ़ी बढ़-चढ़ कर बातें करते हैं। टीवी चैनलों में तो लगता है कि मानो देश की महिलाएं और युवतियां तरक्की की बुलंदियों पर हैं। एक टीवी चैनल पर तो रोडीज़ लड़कियां मां-बहन की गालियों तक पर उतर आती हैं। शायद इससे भी आगे, तमाम मर्यादाओं को लांघकर रोडीज़ यह साबित कर देते हैं कि हमारी संस्कृति और सभ्यता हमारा ही क्रियेशन है, बाकी सब बकवास। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=33&tid=962
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