मीडिया ने आत्मदाह के लिए 'उकसाया'
Thursday, 14 June 2007
मीडिया ने आत्मदाह के लिए 'उकसाया'
मनोज के आत्मदाह को कुछ मीडिया चैनलों ने अपने कैमरे में क़ैद किया था.
भारतीय राज्य बिहार की पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि क्या मीडियाकर्मियों ने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के मौके पर एक व्यक्ति को आत्मदाह करने के लिए प्रेरित किया.
राज्य के गया ज़िले में 15 अगस्त को मनोज मिश्र नाम के एक व्यक्ति ने ख़ुद को आग के हवाले कर दिया था. आत्मदाह की इस घटना को कुछ समाचार चैनलों ने रिकॉर्ड भी किया था.
इस आत्मदाह की कोशिश में मनोज 60 प्रतिशत जल गए थे और फिर मंगलवार को उनकी अस्पताल में मौत हो गई.
पुलिस के मुताबिक मनोज ने दुग्ध उत्पादन समिति सुधा डेयरी पर उसके पैसों का भुगतान न करने के विरोध में ऐसा किया. हालांकि डेयरी के अधिकारियों ने इस बात से साफ़ इनकार किया है कि मनोज का कोई पैसा बकाया था.
ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमित कुमार जैन ने बीबीसी को बताया कि इस आत्मदाह के बाद कुछ मीडियाकर्मियों के ख़िलाफ़ भी एक मामला दर्ज कर लिया गया है.
दागदार दामन
उन्होंने बताया, "कुछ स्थानीय टेलीविज़न चैनलों की टीमें घटनास्थल पर मौजूद थीं. कुछ मीडियाकर्मिंयों पर आरोप है कि उन्होंने इस व्यक्ति को आत्मदाह करने के लिए प्रेरित किया."
उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जो भी लोग दोषी हैं, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस मामले में किसी मीडियाकर्मी को नामजद नहीं किया गया है.
मेरे पिता ने कुछ सुरक्षाकर्मियों और पत्रकारों की उपस्थिति में ख़ुद को आग लगाई पर इनमें से किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की
प्रभाकर कुमार, मृतक के बेटे
आत्मदाह करने वाले मनोज मिश्र के बेटे प्रभाकर कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों ने उनके पिता को बचाने की कोई कोशिश नहीं की.
प्रभाकर बताते हैं, "मेरे पिता ने कुछ सुरक्षाकर्मियों और पत्रकारों की उपस्थिति में ख़ुद को आग लगाई पर इनमें से किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की."
भूमिका पर सवाल
हालांकि जिन मीडियाकर्मियों ने इस घटना को अपने कैमरे से रिकॉर्ड किया था वो इस बात से साफ़ इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने मनोज को आत्मदाह करने के लिए उकसाया.
पिछले कुछ दिनों में जिस तेज़ी से मीडिया चैनल बढ़े हैं, उनकी भूमिका कम विवादित नहीं रही है.
हाल ही में एक समाचार चैनल पर एक महिला को अपने पति की कथित प्रेमिका के साथ मारपीट करते हुए दिखाया गया था.
इसी तरह पिछले हफ़्ते मीडिया की मौजूदगी में एक युवक को तबतक मारा जाता रहा जबतक की वो मर नहीं गया. इस मृतक पर भैंस चुराने का आरोप था.
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