कमल का नया दलदल
Saturday, 28 March 2009
अरूण जेटली रूठे हुये थे। अरूण जेटली की ईगो को ठेस पहुंची थी। सुधांशु मित्त्ल को पूर्वोत्तर राज्यों का सह-प्रभारी बनाने से पहले अरूण जेटली से मश्विरा क्यों नहीं लिया, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने। बहुत बेइंसाफी है। एक बार वेंकैया नायडू ने भी कुछ ऐसा ही किया था। 7 रेस कोर्स लॉन में खड़े होकर वाजपेयी को विकास पुरूष तो आडवाणी को लौह पुरूष बोला था। वाजपेयी जी की ईगो हर्ट की थी। लेकिन वाजपेयी ने नहले पे दहला चला। बोले काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं। बस इतना कहना था कि वाजपेयी नाम के पाइडपाइपर के पीछे पार्टी फिर से चल पड़ी। पूरा
लेख मीडिया ख़बर पर । लिंक : lhttp://mediakhabar।com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=823
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