फ़िलीपींस - पत्रकारों के लिए सबसे ख़तरनाक जगह
Thursday, 27 March 2008
फ़िलीपींस - पत्रकारों के लिए सबसे ख़तरनाक जगह
पत्रकारों के लिए फ़िलीपींस सबसे ख़तरनाक जगह है - यह कहना है एक स्वतंत्र संस्था 'कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स.' का । विश्व पत्रकारिता दिवस के मौके पर संस्था ने अपनी सालाना रिपोर्ट मे यह बात कही । फ़िलीपींस के बाद इराक़, कोलंबिया, बंगलादेश और रूस का नंबर आता है जहाँ पत्रकारों के लिए काम करना जोखिमभरा है । इस संस्था का कहना है कि इन पांचों देशों में पत्रकारों की मौत के न केवल सबसे ज़यादा मामले सामने आए हैं बल्कि वहाँ सरकारें पत्रकारों के हत्यारों को पकड़ पाने या सज़ा दिलवाने में भी नाक़ाम रही हैं । संस्था ने जो आँकड़े पेश किए हैं उनसे पता चलता है कि दुनिया भर में काम के दौरान पत्रकारों की मौत के जितने भी मामले सामने आते हैं वे हत्या क मामले होते हैं ।
पिछले पाँच सालों में मारे गए पत्रकारों के मामलों में केवल एक तिहाई मामले ही ऐसे हैं जहां पत्रकारों की मौत युद्ध क्षेत्र में गोलाबारी से या ख़तरनाक जगहों पर रिपोर्टिंग के कारण हुई । हक़ीक़त ये है कि दो तिहाई पत्रकारों को अपनी सनसनीख़ेज़ रिपोर्टों की वजह से जान गंवानी पड़ी । संस्था का कहना है कि इन देशों की सरकारें उन लोगों को संरक्षण देती हैं, जो हिंसा के इस्तेमाल से प्रैस की आज़ादी छीनते हैं । संस्था का कहना है कि जहां कोलंबिया, बंगलादेश, इराक़ और फ़िलिपीन्स आंतरिक कलह से जूझ रहे हैं वहीं रूस म चेचन चरमपंथियों की समस्या के अलावा शांति है, लेकिन रूस में पत्रकारों की हत्या के अधिकतर मामले हत्या के हैं । संस्था ने इन सभी देशों की न्याय प्रणाली की भी जमकर निंदा की है, जहां कथित रूप से भ्रष्टाचार के कारण पत्रकारों को न्याय नहीं मिलता ।
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