टीवी शो की अनोखी प्रेजेंटर
Saturday, 1 December 2007
टीवी शो की अनोखी प्रेजेंटर
तमिल टीवी चैनल 'स्टार विजय' पर दिसंबर से शुरू हो रहा है एक ऐसा शो जो शुरू होने से पहले ही काफ़ी चर्चा में आ गया है.
और इस कौतूहल का कारण है इस शो की होस्ट, रोज़. हाँ वही गुलाब वाली रोज़.
रोज़ दरअसल ट्रांसजेंडर हैं. ट्रांसजेंडर यानी वो पुरुष जो लड़कियों की तरह दिखने के लिए वैसे ही कपड़े पहनते हैं और लड़कियों की तरह ही व्यवहार करते हैं.
वैसे ट्रांसजेंडर ऐसी लड़कियों को भी कहा जा सकता है जो लड़कों की तरह रहती और व्यवहार करती हैं.
'स्टार विजय' चैनल पर प्रसारित होने वाला आधे घंटे का कार्यक्रम भी ऐसे ही लोगों की समस्याओं पर आधारित होगा.
उत्साह
भारत में अपने तरह का पहला टीवी कार्यक्रम करने की ख़ुशी रोज़ से छिपाए नहीं छिप रही है.
चेन्नई से रोज़ ने बीबीसी से कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूँ, मैं हमेशा मीडिया में आना चाहती थी. भारतीय मीडिया में ट्रांसजेंडर लोगों को हमेशा नकारत्मक रूप से दर्शाया जाता रहा है. उनके बारे में सिर्फ़ ख़राब बातें प्रचारित की जाती हैं. यह शो इस एक ही तरह की छवि को चुनौती देगा."
'इप्पाडिक्कु रोज़' यानी 'तुम्हारी रोज़' नाम का यह शो एक चैट शो है और इसमें कई विवादित मुद्दों को उठाया जाएगा.
रोज़ ने बीबीसी को बताया, "लोग आमतौर से सेक्स से संबधित बातों को पर्दे में रखते हैं, उनके बारे में बात नहीं करना चाहते. हम ऐसे ही मुद्दों को उठाएँगे."
फिर आगे वे सफ़ाई देते हुए कहती हैं, "इसका अर्थ ये कतई नहीं कि सेक्स के अलावा कोई बात नहीं होगी, कोशिश ये रहेगी की समाज में ट्रांसजेंडर लोगों के बारे में जानकारी बढ़े और लोग उनकी स्थिति से न्याय कर पाएँ."
दिक़्कतें
अमरीका से पढ़कर आई रोज़ को ख़ुद अपनी सही पहचान अपने परिवार को बताने में काफ़ी वक्त लगा.
अट्ठाइस साल की रोज़ ने वर्ष 2001 में अपने परिवार को अपने 'ट्रांसजेंडर' होने के बारे बताया. उनके भाई-भाभी और पिता ने तो उनका बदला रूप स्वीकार कर लिया लेकिन माँ को अब भी इसे स्वीकारने में दिक्कत है.
रोज़ कहतीं हैं, "माँ को जैसे पता चला वो मंदिरों में जाने लगीं, पूजा-पाठ करने लगीं. माँ आज तक मेरे ट्रांसजेंडर होने को नहीं स्वीकार पाईं हैं."
इस टीवी शो पर आने के लिए भी रोज़ को परिवार की असहमतियों से दो-चार होना पड़ा.
सीमा-पार पाकिस्तान में बेगम नवाज़िश अली भी टीवी पर शो होस्ट करती हैं. तो ज़ाहिर है उनके बारे में तो रोज़ सवाल पूछा ही जाना था.
इस पर रोज़ ने बीबीसी को बताया कि वो बेगम नवाज़िश के बारे में कुछ नहीं जानती थीं.
वे कहती हैं, "मुझे नहीं पता था पाकिस्तान में ऐसा कुछ कोई कर रहा है. लेकिन अब मुझे पता है और वो बहुत अच्छा काम कर रही हैं हालाँकि मेरा शो काफ़ी गंभीर मुद्दे उठाएगा. ये सेलेब्रिटी चैट नहीं है."
लेकिन अधिकतर भारतीय टीवी चैनल टीआरपी के पीछे भागते हैं. ऐसे में इस तरह का कार्यक्रम कैसे टिक पायेगा? रोज़ के मुताबिक टीआरपी ज़रुर अहम हैं और जिस तरह से मीडिया में इस कार्यक्रम के पहले एपिसोड के प्रसारित होने से पहले ही कौतूहल है उससे उन्हें लगता है कि कार्यक्रम लोगों को पसंद आएगा और सभी वर्गों के लोग इसे देखना चाहेंगे.
ट्रांसजेंडर समाज में एक तरह से यौन-अल्पसंख्यक हैं और उनके बारे में समाज कई अवधारणाएँ हैं.
ज़्यादातर लोग उनकी इस अलग पहचान को समझ नहीं पाते. शायद रोज़ के तमिल टीवी चैनल पर आने वाले कार्यक्रम 'तुम्हारी रोज़' के बाद लोग उनकी दिक्कतों और सरोकारों को थोड़ा बेहतर समझ पाएँगे.
तमिल टीवी चैनल 'स्टार विजय' पर दिसंबर से शुरू हो रहा है एक ऐसा शो जो शुरू होने से पहले ही काफ़ी चर्चा में आ गया है.
और इस कौतूहल का कारण है इस शो की होस्ट, रोज़. हाँ वही गुलाब वाली रोज़.
रोज़ दरअसल ट्रांसजेंडर हैं. ट्रांसजेंडर यानी वो पुरुष जो लड़कियों की तरह दिखने के लिए वैसे ही कपड़े पहनते हैं और लड़कियों की तरह ही व्यवहार करते हैं.
वैसे ट्रांसजेंडर ऐसी लड़कियों को भी कहा जा सकता है जो लड़कों की तरह रहती और व्यवहार करती हैं.
'स्टार विजय' चैनल पर प्रसारित होने वाला आधे घंटे का कार्यक्रम भी ऐसे ही लोगों की समस्याओं पर आधारित होगा.
उत्साह
भारत में अपने तरह का पहला टीवी कार्यक्रम करने की ख़ुशी रोज़ से छिपाए नहीं छिप रही है.
चेन्नई से रोज़ ने बीबीसी से कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूँ, मैं हमेशा मीडिया में आना चाहती थी. भारतीय मीडिया में ट्रांसजेंडर लोगों को हमेशा नकारत्मक रूप से दर्शाया जाता रहा है. उनके बारे में सिर्फ़ ख़राब बातें प्रचारित की जाती हैं. यह शो इस एक ही तरह की छवि को चुनौती देगा."
'इप्पाडिक्कु रोज़' यानी 'तुम्हारी रोज़' नाम का यह शो एक चैट शो है और इसमें कई विवादित मुद्दों को उठाया जाएगा.
रोज़ ने बीबीसी को बताया, "लोग आमतौर से सेक्स से संबधित बातों को पर्दे में रखते हैं, उनके बारे में बात नहीं करना चाहते. हम ऐसे ही मुद्दों को उठाएँगे."
फिर आगे वे सफ़ाई देते हुए कहती हैं, "इसका अर्थ ये कतई नहीं कि सेक्स के अलावा कोई बात नहीं होगी, कोशिश ये रहेगी की समाज में ट्रांसजेंडर लोगों के बारे में जानकारी बढ़े और लोग उनकी स्थिति से न्याय कर पाएँ."
दिक़्कतें
अमरीका से पढ़कर आई रोज़ को ख़ुद अपनी सही पहचान अपने परिवार को बताने में काफ़ी वक्त लगा.
अट्ठाइस साल की रोज़ ने वर्ष 2001 में अपने परिवार को अपने 'ट्रांसजेंडर' होने के बारे बताया. उनके भाई-भाभी और पिता ने तो उनका बदला रूप स्वीकार कर लिया लेकिन माँ को अब भी इसे स्वीकारने में दिक्कत है.
रोज़ कहतीं हैं, "माँ को जैसे पता चला वो मंदिरों में जाने लगीं, पूजा-पाठ करने लगीं. माँ आज तक मेरे ट्रांसजेंडर होने को नहीं स्वीकार पाईं हैं."
इस टीवी शो पर आने के लिए भी रोज़ को परिवार की असहमतियों से दो-चार होना पड़ा.
सीमा-पार पाकिस्तान में बेगम नवाज़िश अली भी टीवी पर शो होस्ट करती हैं. तो ज़ाहिर है उनके बारे में तो रोज़ सवाल पूछा ही जाना था.
इस पर रोज़ ने बीबीसी को बताया कि वो बेगम नवाज़िश के बारे में कुछ नहीं जानती थीं.
वे कहती हैं, "मुझे नहीं पता था पाकिस्तान में ऐसा कुछ कोई कर रहा है. लेकिन अब मुझे पता है और वो बहुत अच्छा काम कर रही हैं हालाँकि मेरा शो काफ़ी गंभीर मुद्दे उठाएगा. ये सेलेब्रिटी चैट नहीं है."
लेकिन अधिकतर भारतीय टीवी चैनल टीआरपी के पीछे भागते हैं. ऐसे में इस तरह का कार्यक्रम कैसे टिक पायेगा? रोज़ के मुताबिक टीआरपी ज़रुर अहम हैं और जिस तरह से मीडिया में इस कार्यक्रम के पहले एपिसोड के प्रसारित होने से पहले ही कौतूहल है उससे उन्हें लगता है कि कार्यक्रम लोगों को पसंद आएगा और सभी वर्गों के लोग इसे देखना चाहेंगे.
ट्रांसजेंडर समाज में एक तरह से यौन-अल्पसंख्यक हैं और उनके बारे में समाज कई अवधारणाएँ हैं.
ज़्यादातर लोग उनकी इस अलग पहचान को समझ नहीं पाते. शायद रोज़ के तमिल टीवी चैनल पर आने वाले कार्यक्रम 'तुम्हारी रोज़' के बाद लोग उनकी दिक्कतों और सरोकारों को थोड़ा बेहतर समझ पाएँगे.
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