भारत में ख़बरों का बदलता स्वरुप
Thursday, 14 June 2007
भारत में ख़बरों का बदलता स्वरुप
करीना कपूर और इतालवी अभिनेत्री अन्ना गैलिएना इस सम्मेलन में उपस्थित थीं
मुंबई में 26 मार्च से आयोजित ‘फिक्की फ्रेम्स-2007’ के दौरान मीडिया और मनोरंजन जगत में हो रहे बदलावों के बारे में बात की जा रही है.
इसी क्रम में यहाँ मीडिया की जानीमानी हस्तियों ने ख़बरों की दुनिया में लगातार हो रहे बदलावों पर चर्चा की.
इस चर्चा में भाग लेने वाले लोगों में मुख्य रुप से बीबीसी के भारत संपादक संजीव श्रीवास्तव,आज तक के सीईओ जीके कृष्णन, चैनल टाइम्स नाउ के सीईओ सुनील लुल्ला और इटली के डा इट के प्रेसिडेंट अलेसान्ड्रो सिग्नेटो शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन एनडीटीवी के पंकज पचौरी ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए पंकज पचौरी ने बताया कि आज के दौर में मीडिया में चार ‘सी’ की ही उपयोगिता काफी ज़्यादा हो गई है. पहला क्रिकेट,दूसरा क्राइम,तीसरा सिनेमा और चौथा क्राइसिस.
आज भारत के लोगों की पसंद लगातार बदल रही है.हमें इसका ध्यान रखना होगा लेकिन स्वस्थ और सूचनाप्रद समाचारों की तरफ ध्यान देना बेहद ज़रुरी है
संजीव श्रीवास्तव
पंकज का कहना था कि भारतीय मीडिया में तेज़ी से बदलाव आ रहा है और अब ग्राहक जागरुक हो गया है, ऐसे में मीडिया को अपनी भूमिका बड़ी ज़िम्मेदारी से निभानी होगी.
आज तक के सीईओ कृष्णन का कहना था कि हमें आज के परिवेश को समझकर ख़बरों को लोगों तक ले जाना होगा.
उन्होंने कहा, “अब लोगों के पास चुनने की ज़्यादा स्वतंत्रतता है, ऐसे में प्रत्येक मीडिया ग्रुप को ये बात समझनी होगी कि केवल एसी कमरों में बैठकर बाहरी दुनिया के लोगों की ज़रुरतों, पसंद का सही आकलन नहीं लगाया जा सकता. भारत एक अलग तरह का बाज़ार है और हमें इसे समझना होगा.”
बीबीसी
इस परिचर्चा में बोलते हुए बीबीसी के भारत संपादक संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि बीबीसी एक ऐसी संस्था है जिसने शुरु से ही ‘क्वालिटी जर्नलिज्म’ में विश्वास किया है.
उन्होंने कहा कि बीबीसी ऐसी पत्रकारिता में विश्वास रखती है, जिसमें लोगों तक सही ख़बरों को सही समय पर पहुँचाने के अलावा परंपराओं और रुचियों का भी ध्यान रखा जाता है.
उनका कहना था, “आज भारत के लोगों की पसंद लगातार बदल रही है.हमें इसका ध्यान रखना होगा लेकिन स्वस्थ और सूचनाप्रद समाचारों की तरफ ध्यान देना बेहद ज़रुरी है.”
परिचर्चा के दौरान संजीव ने लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से कई सालों से बीबीसी हिंदी सेवा लोगों तक जल्दी और प्रामाणिक सूचनाएँ पहुँचाने का काम करती आ रही है.
उनकी इस बात से परिचर्चा में भाग लेने वाला हर व्यक्ति पूरी तरह से सहमत दिखा। उन्होंने हाल ही में घटी कुछ घटनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि किस तरह से बीबीसी हिंदी सेवा ने सबसे पहले और सही ख़बर लोगों तक पहुंचाई है.
इस परिचर्चा के दौरान उन्होंने सबका ध्यान उन 40 फ़ीसदी भारतीयों की तरफ़ आकृष्ट कराया जिन पर किसी मीडिया संगठन का ध्यान शायद ही जाता हो. उनका कहना था कि हमें बाज़ार की जरुरतों का ध्यान रखना होगा लेकिन अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियाँ भी समझनी होंगी.
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