मीडिया के साए में सिलेब्रिटी
Wednesday, 27 June 2007
मीडिया के साए में सिलेब्रिटी
सिलेब्रिटीज की निजी जिंदगी से जुड़ी घटनाओं को खबर बनाकर पूरी दुनिया के सामने परोसने का ट्रेंड जोर पकड़ चुका है। आजकल बच्चन परिवार इसका खूब शिकार हो रहा है। क्या इस ट्रेंड के लिए मीडिया को एकतरफा दोषी ठहराया जा सकता है या फिर कहीं न कहीं सिलेब्रिटीज पर भी इसकी जिम्मेदारी होती है इस मामले से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करती यह स्टोरी: बॉलिवुड की नंबर वन फैमिली यानी बच्चन फैमिली को आजकल एक बार फिर सिलेब्रिटी होने की कीमत चुकानी पड़ रही है। परिवार का कोई सदस्य जहां कहीं भी जाता है मीडिया उनका साया बनकर पीछे-पीछे चल रहा होता है। इन दिनों ऐश-अभि की शादी को लेकर मीडिया साए की तरह उनके पीछे लगा है। हालांकि बॉलिवुड की सबसे चर्चित शादी से मीडिया को दूर रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन मीडिया है कि कहीं न कहीं से बस उनकी एक झलक पाने और शादी की खबरें जानने के लिए जी जान से जुटा हुआ है। इससे पहले विंध्यवासिनी देवी के दर्शन के मौके पर भी मीडिया ने उनका पीछा नहीं छोड़ा था। बच्चन परिवार अमर सिंह के न्योते पर उनके जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए विंध्याचल पहुंचा था। कार्यक्रम से एक दिन पहले अमर सिंह ने मीडिया के माध्यम से ही अपने कार्यक्रम और बच्चन परिवार के दौरे को निजी कार्यक्रम बताते हुए मीडिया वालों को कार्यक्रम में नहीं आने के लिए एक तरह से हिदायत दे दी थी। इसके बावजूद मीडिया वाले कहां मानने वाले थे। खबरिया चैनलों पर लगातार अभिषेक-ऐश्वर्या के विंध्यवासिनी देवी के दर्शन करने और ऐश्वर्या की मांग पर सिंदूर लगे होने की विवेचनापूर्ण खबरें चलती रहीं। यही नहीं जब अमिताभ और अभिषेक मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर गए थे तब भी मीडिया ने उसे जबर्दस्त कवरेज दिया। अखबारों ने जहां मंदिर जाते पिता-पुत्र की तस्वीरें छापीं वहीं खबरिया चैनलों पर उनके मंदिर जाने की वजह को लेकर तमाम कयास लगाए गए। उससे पहले जब बच्चन परिवार ऐश्वर्या राय के साथ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर गया था तब भी मीडियावाले वैसे ही क्रेजी हो गए थे। इकलौता नहीं है बच्चन परिवार किसी खास व्यक्ति से मुलाकात हो या परिवार व दोस्तों के साथ लंच-डिनर का कार्यक्रम हो या फिर मंदिर-दरगाह जाकर देवी-देवताओं के दर्शन का मौका हो ऐसे कार्यक्रम नितांत निजी होते हैं लेकिन अगर मामला सिलेब्रिटीज से जुड़ा हो तो फिर मीडिया उस कार्यक्रम को कतई निजी नहीं रहने देता। पिछले दिनों टाडा अदालत का फैसला आने से पहले जब संजय दत्त भी मुंबई और पुणे के मंदिरों में भगवान के दर्शनों के लिए जा रहे थे तब मीडिया ने उसे खूब कवरेज दी थी। सलमान खान के दरगाह पर मत्था टेकने की खबर को भी मीडिया ने खूब उछाला। नए साल के मौके पर शिल्पा शेट्टी द्वारा सपरिवार मंदिर में पूजा करना हो या माधुरी दीक्षित का पति और बच्चों सहित भगवान की चौखट पर जाना हो खबरिया चैनलों ने सलेब्रटिज के इन निजी पलों को ब्रेकिंग न्यूज और खास खबर बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। मामला सिर्फ बॉलिवुड सितारों का नहीं निजी जिंदगी में मीडिया की ताकझांक सिर्फ बॉलिवुड सितारों तक सीमित नहीं है। क्रिकेट और कुछ दूसरे फील्ड से जुड़ी नामी हस्तियों के साथ भी मीडिया का यही रवैया है। सचिन तेंडुलकर जब कुक्के श्री सुब्रमण्यम स्वामी के मंदिर पहुंचे तो मीडिया ने ऐसा हाइप बनाया कि वहां सचिन के सैकड़ों प्रशंसक जमा हो गए और देखते ही देखते यह गुमनाम सी जगह चर्चित हो गई। क्रिकेटर जहीर खान और उनी गर्लफ्रेंड इशा शरवानी एयरपोर्ट से एक साथ लौट रहे थे तो उनकी तस्वीरें तमाम अखबारों में छप गईं। सितारों के संबंधों की कहानी सितारों के निजी रिश्तों की कहानियों को भी मीडिया काफी तूल देता है। पिछले कुछ महीनों से ऐश-अभिषेक की शादी पर किस्सागोई को खबरों के शानदार पैकेज के रूप में पेश किया जा रहा है। जब तक इनकी सगाई की घोषणा नहीं हुई थी तब तक सगाई को लेकर भी अटकलें लगती थीं लेकिन अब शादी की जगह खाने का मेन्यू वेडिंग ड्रेस मेहमानों की लिस्ट वगैरह से संबंधित चर्चे हो रहे हैं। और तो और ऐश्वर्या के मांगलिक होने की वजह से शादी के बाद अभिषेक से उनके रिश्तों को लेकर भी चर्चा हो रही है। मीडिया में पहले भी सैफ अली खान व अमृता सिंह के तलाक आमिर खान व किरण राव के रिश्ते और जॉन अब्राहम व बिपाशा बसु के अफेयर को भी खूब जगह मिली है। आखिर क्या है वजह सिलेब्रिटीज पर मीडिया की नजर लगातार क्यों बनी रहती है ऐक्टर मकरंद देशपांडे कहते हैं आज इतने सारे खबरिया चैनल हो गए हैं और उनके बीच इतनी होड़ है कि उन्हें खबर बनानी पड़ती है। इसलिए वे सलेब्रटिज से जुड़ी किसी भी घटना को खबर बना देते हैं। ऐसे में सिलेब्रिटीज को अपनी निजी जिंदगी को गोपनीय रखने के खास इंतजाम करने होंगे या फिर उन्हें अपनी हर बात दुनिया के सामने सार्वजनिक होते देखने के लिए तैयार रहना होगा। लगे हाथ मकरंद यह भी कहते हैं मीडिया सिलेब्रिटीज के निजी मामलों को भी खबर के रूप में पेश कर अपना काम ही कर रहा होता है। इसमें तब तक कोई बुराई नहीं है जब तक कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाए। एक्ट्रेस रितुपर्णो सेनगुप्ता मकरंद की बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं हालांकि मीडिया अपना काम कर रहा होता है लेकिन अपना काम करते हुए वह कई बार सीमाएं लांघ जाता है। आखिर हम भी इंसान हैं और हमें भी शांतिपूर्वक भगवान की पूजा करने और निजी जिंदगी जीने का अधिकार है। हालांकि वह यह भी कहती हैं कुछ सिलेब्रिटीज लगातार सुर्खियों में बने रहना पसंद भी करती हैं फिर चाहे इसके लिए निजी जिंदगी को सार्वजनिक ही क्यों न करना पड़े। दोषी कौन ऐसे में क्या सारा दोष मीडिया पर ही डालना ठीक होगा या फिर सलेब्रटिज भी इसमें बराबर के भागीदार हैं मॉडल-एक्टर किरण जंजानी कहते हैं कई सलेब्रटिज भी प्रचार के भूखे होते हैं और वे किसी न किसी तरह मीडिया में छाए रहना चाहते हैं। मैं कई ऐसी मशहूर शख्सियतों को जानता हूं जो खुद अपने बारे में पूरा-पूरा पेज लिखकर मीडिया में छपवाने के लिए भेजते हैं। इसलिए हम सिलेब्रिटीज की निजी जिंदगी से जुड़ी जो चीजें अखबारों में पढ़ते हैं या खबरिया चैनलों पर जो देखते हैं वह दरअसल सिलेब्रिटीज के पीआर की ओर से प्रायोजित होता है। अमिताभ बच्चन और आमिर खान जैसी हस्तियों को भले ही ऐसे प्रचार की जरूरत न हो लेकिन कई ऐक्टर्स ऐसे हैं जो सुर्खियों में बने रहने के लिए तमाम हथकंडे आजमाते हैं। ऐसी सिलेब्रिटीज को किरण आगाह भी करती हैं किसी भी तरह प्रचार पाने की होड़ में लगी सिलेब्रिटीज को हमेशा अपनी इमेज और प्रशंसकों पर पड़ने वाले असर के बारे में भी सोच लेना चाहिए। क्या किरण की बात में दम है इसका फैसला आप खुद कीजिए।
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